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सांढ़ा मंदिर, वृंदावन
वृंदावन के ज्ञान गुदड़ी में स्थित सांढ़ा मंदिर, सांढ़ा (मोतीपुर, मुजफ्फरपुर, बिहार) के शाही परिवार के द्वारा निर्मित अनेक मंदिरों में से एक है। मंदिर के बाहर एक ताम्रपत्र आलेख है। मंदिर के विषय में सभी जानकारी इस आलेख पर उत्कीर्ण है।
1897 में जब इस मंदिर का निर्माण पूरा हुआ, तो मंदिर के विषय में सभी जानकारी ताम्रपत्र आलेख के रूप में मंदिर के मुख्य दरवाजे के समीप लगा दिया गया। इस मंदिर के गेट के ऊपर आज भी सांढ़ा मंदिर अंकित है। मंदिर के गर्भगृह के ऊपर शिखर है, और चारों ओर बरामदा है। प्रवेश द्वार के सामने भक्तों को बैठने के लिये एक मंडप बना हुआ है, जो देखने से राजस्थानी स्थापत्य शैली के बहुत नजदीक है।
निर्माण के सौ से अधिक साल बीत जाने के बाद भी मंदिर का सौंदर्य अद्भुत है। वृंदावन स्थित सांढ़ा मंदिर का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना है। इस मंदिर निर्माण श्री लक्ष्मीधर प्रताप नारायण शाही, निवासी – सांढ़ा, मोतीपुर, जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार के द्वारा किया गया था।
कहते हैं कि श्री लक्ष्मीधर प्रताप नारायण शाही की माता जी का सपना था कि वृंदावन में श्री कृष्ण जी का एक मंदिर बनवाना चाहिए। जिसे वर्ष 1897 में श्री लक्ष्मीधर प्रताप नारायण शाही द्वारा बनवा कर पूर्ण किया गया।